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धोनी के संघर्ष को जीने वाला अपने जीवन संघर्ष से हार मान बैठा, यह बात कचोटती है

-शंभूनाथ शुक्ल मैंने सुशांत सिंह राजपूत को नहीं देखा था। देखा तो मैंने महेंद्र सिंह धोनी को भी नहीं है। लेकिन इस कलाकार ने धोन...

यह उम्मीदों के टूटने का समय है, जरूरी है कि हम एक दूसरे का हाथ मजबूती से थामे रहें

- आशुतोष तिवारी अभी सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी के बारे में पढ़ा। वाकई यह बहुत मनहूस समय है। बेहतर दिल रखने वाले लोग जीवन से हार...

मन को दबाकर मत रखिए, अपनी बात कहिए, डिप्रेशन के लिए हमारा समाज सबसे ज्यादा दोषी है

-हरिशंकर शाही डिप्रेशन कोई ऐसी बीमारी नहीं है, जैसे कैंसर या अन्य, जिसकी किन्हीं स्थितियों में असह्य दर्द में आदमी मरने की भीख...

युवा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का इस तरह जाना हमारे सामाज की मौत का लक्षण है !

- प्रभाकर मिश्रा ये हमारी कमी है, हमारे इस आधुनिक समाज की कमी! चार दिन पहले सुशांत राजपूत की मैनेजर की मौत हुई। और आज सुशांत ...

अलविदा सुशांत: डिप्रेशन एक बहुत डरावना शत्रु है, यह हम सबके भीतर छिपकर बैठा होता है

-राकेश कायस्थ आसामयिक मौत हमेशा आपको भीतर से तोड़ती है। यह टूटन उतनी ही ज्यादा होती है, जितने करीब से आप मरने वाले को जानते हैं...

महामारी में बैंकों की ये कैसी मोहलत? EMI पर ब्याज वसूल रहे हैं तो राहत किस बात की?

-गिरीश मालवीय EMI पर ब्याज माफी के सिलसिले में आज फिर हम जैसे लाखो करोड़ो मिडिल क्लास लोगो को सुप्रीम कोर्ट ने निराश किया है गौरतलब...

राम किंकर जैसी सादगी और फ़क़ीरी चोला मैंने किसी भी दूसरे कथावाचक में आज तक नहीं देखा

-शंभूनाथ शुक्ल आज जब कथावाचकों को लेकर राजनीति हो रही है, तो मुझे राम किंकर जी याद आते हैं। रामचरित मानस और सनातन हिंदू धर्म व संस्क...

फरिश्ता : 80 साल के जगदीश लाल आहूजा 17 सालों से गरीबों को मुफ्त में खाना खिला रहे हैं

- शशांक गुप्ता आज जब लोग धर्म के नाम पर दूसरों की जान लेने में तुले हैं उस माहौल में एक इंसान एक के बाद एक अपनी करोड़ों की सात प्रापर्टी  ...

देश में कोरोना को लेकर उठने वाले हर सवाल को खारिज करने की इतनी जल्दबाजी क्यों है?

-गिरीश मालवीय आखिर ऐसा क्यो होता है कि कोविड 19 पर उठते हुए हर प्रश्न को तुंरत खारिज कर दिया जाता है? क्या यह आपको आश्चर्य जनक नही ल...

कृष्णा रूमी का सस्पेंस-थ्रिलर : हापुड़ के किसान से एक लड़की की ऑनलाइन मुहब्बत

- कृष्णा रूमी हापुड़ में एक 55 साल के किसान को अचानक एक दिन एक बेहद खूबसूरत लड़की की फ्रेंडरिक्वेस्ट आयी।  जो किसान ने "मजबूरीवश&...

कृष्णा रूमी का सस्पेंस-थ्रिलर : क्या लड़की ढूंढ पाएंगी अपनी सहेली और अपने प्रेमी को?

- कृष्णा रूमी पंजाब की लड़की को हरयाणा के लड़के से प्यार हो गया। दोनों साथ पढ़ते थे।  फिर लड़की भागकर हरयाणा में लड़के के साथ रहने लगी...

राजनेता का आकलन भाषण से नहीं, सवालों का जवाब देने की क्षमता के आधार पर होना चाहिए

-राकेश कायस्थ किसी भी राजनेता का आकलन उसके भाषण देने की कला के आधार पर नहीं बल्कि सवालों के जवाब देने की क्षमता के आधार पर होना चाहि...

'सड़क पर हज़ारों की संख्या में निश्चिंतता का घूमना मुझे आजकल सबसे डरावना लगता है'

-कंचन सिंह चौहान लिफ़्ट के बाहर चिपका कागज़ '3 people only' पता नहीं फट गया या फाड़ दिया गया।   लिफ्ट में लोगों के घुसने की होड़...

भारत की अर्थव्यवस्था और कमोडिटी हब अब चीन के रहमो करम पर है !

- मोहम्मद ज़ाहिद चीन लद्दाख से वापस जाने के लिए तैय्यार नहीं है और सरकार लाल आँख करके सख्ती करने की बजाय घुटना टेक वार्ता पर वार्त...

कोरोना काल और लॉकडाउन के बीच बिहार के दरभंगा में सामने आई एक अनोखी लव स्टोरी

बिहार के दरभंगा से लॉकडाउन की सबसे प्यारी प्रेम कहानी सामने आयी है।  सीता और नितीश दोनों ही दिव्यांग हैं और ट्राइसाइकिल से ही चल पाते है...

जिन मजदूरों को भगाया, अब उन्हीं को लग्जरी बस में भरकर वापस ले जाने वाले कौन हैं?

-विपुल आनंद रात के करीब 11 बजे एक बेहद लक्सरी बस मेरे गाँव आयी, और 70 लोगों को मजदूरी करने हरियाणा और पंजाब ले गयी...!! मैं...

पाटलिपुत्र में शिक्षकों की भर्ती: यह खेल देश के हर राज्य में बरसों से खेला जा रहा है

- राजीव मित्तल यह लेखन तबका है जब नीतीश कुमार शिक्षा के क्षेत्र में फर्जी क्रांति करने जा रहे थे..उन्होंने तो खैर जो किया सो किया.. यह...

कोरोना ने पूंजीवाद को सिरे से विफल साबित कर दिखाया

-राजीव मित्तल विश्व के पटल से सोवियत संघ को विदा हुए 30 बरस हो गए और तभी से चीन, ईरान, अफगानिस्तान और क्यूबा और दो चार देशों को छोड़ कर...

कोरोना काल: हमारी ये छोटी-छोटी आदतें हमें बाकी दुनिया से अलग करती हैं

-शंभूनाथ शुक्ल आज सुबह जैसे ही फ़्लैट के मुख्यद्वार को खोलकर कदम बाहर रखा, वह ज़मीन पर पड़े अख़बार से टकराया। अख़बार उठाया और माथे से ...

कोरोना काल: अब जाकर हिंदी प्रदेशों की राज्य सरकारों को होश आ रहा है, देर आयद दुरुस्त आयद !

- गिरीश मालवीय कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों...! आप को शायद याद होगा 5 मई 2020 को दैनि...

कोरोना काल : इस माहौल में डर पर आधारित बाजार तेजी से फलने-फूलने लगा है

-आलोक कुमार डर एक मनोविज्ञान है। हम क्यों डरते हैं ? इस पर कई शोध हैं। कई वैज्ञानिक उपाय हैं। कई उपाय डर को भगाने में सहायक हैं, तो इसके...

लॉकडाउन के बाद हर चीज महंगी, लेकिन किसानों के उत्पाद सस्ते, यानी फिर किसान ही मारा जाएगा !

- राजेश यादव 2 दिन पहले बाजार की तरफ निकल गया और शोरूम में कुछ पैंट शर्ट पसन्द कर लिए। बिल बना 9285। कोई डिस्काउंट नहीं, जबकि लॉकडाउन ...

हैरतअंगेज: एक साथ यूपी के 25 स्कूलों में पढ़ाने वाली अनामिका शुक्ला आज भी बेरोजगार है !

- गौरव श्यामा पांडेय 6 जून को कासगंज से अनामिका शुक्ला के गिरफ्तार होने की खबर आई. अनामिका शुक्ला पर एक साथ 25 स्कूलों में शिक्षक...

कोरोना काल: 80 दिन बाद घर से निकला, सड़क सूनी थी, हाई-वे में इक्का-दुक्का वाहन चल रहे थे

-शंभूनाथ शुक्ल आज पूरे 80 दिनों बाद क़रीब 40 किमी गया और आया। ख़ुद गाड़ी चलाकर नोएडा और ग्रेटर नोएडा के दूसरे छोर तक गया। न  किसी को...