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कोरोना काल और लॉकडाउन के बीच बिहार के दरभंगा में सामने आई एक अनोखी लव स्टोरी

बिहार के दरभंगा से लॉकडाउन की सबसे प्यारी प्रेम कहानी सामने आयी है। सीता और नितीश दोनों ही दिव्यांग हैं और ट्राइसाइकिल से ही चल पाते हैं। कुशेश्वरस्थान की सीता अपनी बहन के ससुराल मिलने आयी हुई थी, जिस दिन उसको वापस जाना था उसी दिन लॉकडाउन हो गया। फिर उसे वहीँ रुकना पड़ गया।


नीतीश कुछ दिन पहले ही अपने मामा के घर आया था मिलने, वो भी कुछ दिन के लिए पता नहीं क्यों वहीँ रुक गया। सीता की बहन का घर और नितीश के मामा का घर थोड़ी ही दूरी पर था। लेकिन लॉकडाउन से पहले गली में इतनी धूल उड़ती थी की एक से दूसरे घर देखने पर आँखे थोड़ी थोड़ी धूमिल हो जाया करती थी। पर अब नहीं होती, अब दूर-दूर तक सब साफ़ दिखता है !

सीता और नीतीश दोनों शाम को अपने अपने घरों के बाहर विटामिन डी इन्सफिसिएन्सी को दूर करने के लिए धूप सेंकते थे। पहली कुछ मुलाकातों में तो दोनों की कोई बोलचाल नहीं हुई, क्यूंकि अभी भी हवा में थोड़ा बहुत धूल और धुंआ था। लेकिन फिर धीरे धीरे दोनों में रामरमी शुरू हो गयी। दोनों दूर से ही धूप सेंकते वक्त सूर्य और चन्द्रमा के दर्शन कर लिया करते थे। लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई कभी नमस्ते से आगे बात करने की।

नितीश के मामा की बेटी ने एक दिन छत से दोनों को दूर दूर से सूर्य और चन्द्रमा को दर्शन करते हुए और धूप सेंकते हुए देख लिया, मामा की बेटी ने पूछा की कैसी लगी, तो नितीश ने कहा ऐसी कोई बात नहीं है। लेकिन मामा की बेटी को लग गया था की शाम की धूप में प्यार की छाया पड़ चुकी है, तो उसने सीता की बहन से जाकर बात की। सीता की बहन ने भी छत से देखा शाम की धूप को। सीता की बहन ने सीता से पूछा तो सीता ने भी कहा की नहीं ऐसा कुछ नहीं है, बस दूर से ही राम राम कर देते हैं, कैजुअल रामरमी है। लेकिन मामा की बेटी और सीता की बहन ने अब ठान ली थी की इस शाम की सुबह करनी ही करनी है। दोनों ने अपने अपने घरवालों को बता दिया। जिन्होंने सीता और नितीश के घरवालों को बता दिया। दोनों के ही घरवालों ने हामी भर दी की अगर दोनों शादी के लिए मानते हैं तो करवा दो शादी।

मामा की बेटी और सीता की बहन ने नितीश और सीता से कहा की उन्होंने उनके पीछे से ही घरवालों से हामी ले ली है। तो दोनों ने कहा की ऐसी कोई बात नहीं है दोनों के बीच। लेकिन उन्होंने फिर भी दोनों की मीटिंग करवाई। मीटिंग में दोनों ही एक दूसरे से सहज लगे और दोनों ने शादी के लिए हाँ भर दी। अगले ही दिन दोनों की शादी एक मंदिर में करवा दी गयी।

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