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जिन मजदूरों को भगाया, अब उन्हीं को लग्जरी बस में भरकर वापस ले जाने वाले कौन हैं?

-विपुल आनंद

रात के करीब 11 बजे एक बेहद लक्सरी बस मेरे गाँव आयी, और 70 लोगों को मजदूरी करने हरियाणा और पंजाब ले गयी...!! मैं ये सब देखकर स्तब्ध था, हैरान था कि अभी तो कुछ दिन पहले ये लोग अपने घर आये थे किन किन समस्याओं को जूझते हुए आये थे इनसे बेहतर कोई नहीं बता सकता (कुछ तो लॉक डाउन में श्रमिक स्पेशल ट्रेन और फिर पैदल भी आये थे)... और अब वापस उन्ही पुराने मालिक के साथ काम करने जा रहे...!! उन्हीं 70 में से एक आदमी से मैंने पूछा आपको अपने मालिक पर विश्वास है..?? वो आदमी बोले हांजी विश्वास है तब तो इतनी बड़ी बस भेजा है। मैंने कहा ये तो उनको आप पर विश्वास है। अगर आपको वहाँ कुछ होता है तो आपको आपके मालिक पर ये भरोसा है कि वो आपके और आपके परिवार की देखभाल करेगा..?? आदमी चुप हो गया। मैंने एक बात और बताइये आप जब लौट रहे थे तो क्या यही मालिक आपको आने का खर्च या ऐसी ही बस का इंतज़ाम कर दिया था ?? आदमी बोला भैया जाना कौन चाहता है, 2 महीने से कोई काम नहीं किया। ₹100 की मजदूरी पर भी काम नहीं मिलता। अगर अब भी नहीं जाऊंगा तो परिवार भूखा मर जाएगा....!! इसके बाद मुझे एहसास हुआ कि सवाल ही गलत आदमी से कर रहा हूँ...

मैं सब कुछ चुपचाप देखकर रह गया। एक दो सवाल कोर्डिनेटर से पूछा तो बोला मेरे पास परमिशन और सारे लेबर के E-Pass हैं। 

ख़ैर, बस में 3 लोग आए थे। 2 ड्राइवर और एक कॉर्डिनेटर। कॉर्डिनेटर से विस्तार से बात करने की कोशिश की, बात नहीं हो पाई वो इन्ही 70 में से किसी के घर खाना खाकर सो गया था।  बस सुबह 4:30 बजे चली गयी..!!

फ़िलहाल मैं LED टंगने के इन्तज़ार में हूँ। LED लगते ही छोटे मोदी जी (शुशील मोदी) का वो वाला बयान देखूंगा, जिसमे 250 मजदूर को खगड़िया जक्शन से श्रमिक सपेशल ट्रैन के नियम की धज्जियाँ उड़ा कर उसी ट्रैन से वापस भेजते हुए बोले थे "हमें बिहार की श्रम शक्ति पर गर्व है"

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