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हैरतअंगेज: एक साथ यूपी के 25 स्कूलों में पढ़ाने वाली अनामिका शुक्ला आज भी बेरोजगार है !

- गौरव श्यामा पांडेय

6 जून को कासगंज से अनामिका शुक्ला के गिरफ्तार होने की खबर आई. अनामिका शुक्ला पर एक साथ 25 स्कूलों में शिक्षक के तौर पर नियुक्ति लेने और सैलरी उठाने का आरोप है. शाम तक पता चला कि गिरफ्तार महिला का नाम अनामिका शुक्ला नहीं अनामिका सिंह है. फिर अपडेट आया कि अनामिका सिंह नहीं बल्कि प्रिया जाटव है जो अनामिका शुक्ला के नाम पर नौकरी करती थी. अंत में पुलिस ने कन्फर्म किया कि गिरफ्तार महिला का नाम सुप्रिया जाटव है. तो फिर अब सवाल ये उठा कि अनामिका शुक्ला कौन है? 

अनामिका शुक्ला यूपी के गोंडा जिले की रहने वाली होनहार छात्रा थीं. दसवीं बारहवीं, बीेएससी, बीएड, टीईटी सब फर्स्ट डिवीजन. यानी कि मेरिट के आधार पर भर्ती हो तो टीचर बनने के लिए एकदम परफेक्ट. कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में मेरिट पर वैकेंसी आई. अनामिका शुक्ला ने भी अप्लाई किया. एक जिले में नहीं बल्कि यूपी के 25 जिलों में. ये नंबर अब तक की जानकारी के अनुसार है आगे और भी बढ़ सकता है. 25 के 25 जिलों में अनामिका शुक्ला के डॉक्यूमेंट जमा हुए. लेकिन फोटो बदल दी गई. फोटो लगी 25 अलग-अलग महिलाओं की जो 25 अलग-अलग जिलों में अनामिका शुक्ला बनकर नौकरी के लिए आवेदन करने गई थीं. रही सही कसर आंख मूंदकर ठप्पा लगाने में माहिर शिक्षा विभाग ने पूरी कर दी. एक भी जगह सर्टिफिकेट कायदे से नहीं जांचा गया. अनामिका शुक्ला के नंबर्स अच्छे थे ही, नौकरी भी मिल गई. जॉइनिंग भी हो गई. इस तरह से एक अनामिका शुक्ला के डॉक्यूमेंट्स पर 25 अलग-अलग महिलाएं कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में नौकरी करने लगीं. 

इनकी पोल भी खुली कस्तूरबा विद्यालय की अकाउंटेंट की एक गलती से. बड़ौत के स्कूल में पढ़ाने वाली अनामिका शुक्ला ने सैलरी के लिए अकाउंटेंट को अपना अकाउंट नंबर व्हाट्सअप पर भेजा. जनवरी 2020 में पैसे ट्रांसफर करते समय अकाउंटेंट से एक गलती हो गई और पैसा अकाउंट में नहीं गया. बाद में जब अकाउंटेंट ने अनामिका शुक्ला के पासबुक की डिटेल्स देखी तो पता चला कि उस अकाउंट में उसी महीने कस्तूरबा विद्यालय की तरफ से 22 हजार रुपए ट्रांसफर हुए हैं. अकाउंटेंट को शक हुआ तो उन्होंने ऊपर के अधिकारियों को जानकारी दी और मामला लखनऊ तक पहुंचा. और जब कायदे से जांच किया गया तो पता चला कि एक ही अनामिका शुक्ला की नियुक्ति 25 स्कूलों में हुई है.  

सुप्रिया जाटव की गिरफ्तारी के बाद बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी का बयान आया. उनका कहना है कि 1 करोड़ सैलरी वाली थ्योरी फर्जी है. 6 स्कूलों से 12 लाख 24 हजार 700 रुपए ही मात्र दिए गए हैं. मंत्री जी के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अनामिका शुक्ला भी सामने आती हैं. अपने सारे डॉक्यूमेंट्स के साथ. कहा कि मेरे डॉक्यमेंट्स के साथ छेड़छाड़ हुई है. स्कैनिंग करके मेरी फर्जी मार्कशीट तैयार की गई है. गोंडा जिले के BSA ने उन्हें FIR लिखाने को कहा है. मजे की बात ये है कि असली अनामिका शुक्ला अभी भी बेरोजगार है.

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