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क्या डॉ कफील खान को मुसलमान होने की सज़ा मिल रही है? लगता तो कुछ ऐसा ही है !

- पंकज चतुर्वेदी मानवाधिकारों को पुलिस के जूतों के तले कुचलने का ज्वलंत मामला है कफील खान की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में गिरफ्तारी ...

सचिन पायलट तो तभी से असंतुष्ट थे, जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनी थी !

- अमिता नीरव मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद से ही सबकी नजरें राजस्थान पर टिकी हुई थी। यूँ तो मध्य प्रदेश में कांग्र...

एनकाउंटर का जश्न: लोकतंत्र में न्यायपालिका पर विश्वास कम होना हम सब के लिए खतरे की घंटी है

-मनिंदर सिंह यह जो एनकाउंटर संस्कृति का जश्न मनाने में मशगूल है उन्हें  इतना पता होना चाहिए कि विकास दुबे जैसे दुर्दांत अपराधियों क...

दिए जलाओ, नगाड़े बजाओ, विकास को न्याय मिल गया, न्यू इंडिया में आपका स्वागत है!

- मनीष सिंह इंस्टंट न्याय.... न कोर्ट, न पेशी, न जज, न जल्लाद, ये एनकाउंटर न्याय है बबुआ। भारत अब वो भारत नही जो टीवी पर गोलियां ब...

यह मत पूछिए कि अदालत कहां है? यह पूछिए, जिस लोकतंत्र में अदालत होती है, वो लोकतंत्र कहां है?

- कृष्णकांत जब भी किसी गैर-न्यायिक हत्या पर सवाल उठते हैं तो लोग पूछते हैं कि भारत में न्यायपालिका है ही कहां? एक थे जस्टिस वीआर कृष्...

वो कौन हैं जो चाहते थे विकास दुबे जिंदा न रहे, किसके लिए मुसीबत बन सकता था विकास दुबे?

- रोहित देवेंद्र शांडिल्य इसमें कोई शक नहीं है कि विकास दुबे की पुलिस कस्टडी में हत्या की गई. शक इसमें भी नहीं है कि वह अपराधी था।...

विकास दुबे एनकाउंटर: कानपुर पुलिस का बदला तो पूरा हुआ, लेकिन असल चुनौती अभी बाकी है

-विजय शंकर सिंह कानून के हांथ बहुत लंबे होते हैं। कभी कभी इतने लंबे कि, कब किसकी गर्दन के इर्दगिर्द आ जाएं पता ही नहीं चलता है। ए...

विकास दुबे के साम्राज्य का अंत और प्रकाश झा की फिल्म अपहरण का वो कभी न भूलने वाला दृश्य!

- मनीष सिंह प्रकाश झा की मूवी आयी थी- “अपहरण”. एक गाँधीवादी फ्रीडम फाइटर का बेटा अपराधी बन जाता है. सबसे बड़ा गैंग्स्टर, मगर अब कान...

क्या हमारे नेताओं में राजनीति का अपराधीकरण रोकने की इच्छाशक्ति है?

- विजय शंकर सिंह क्या सभी राजनीतिक दल अपराधियों को टिकट न देने और उनसे चुनाव में कोई सहायता न लेने पर संकल्पबद्ध हो सकते हैं ? अगर ...

विकास दुबे एनकाउंटर: किसको डर और किससे डर? अब तक कितने शहीद पुलिसवालों को इंसाफ मिला?

- धीरेश सैनी विकास दुबे को लेकर कुछ स्टेटमेंट्स पढ़े। राज़ खुल जाने का डर और पुलिस ने बदला लिया, इन बिंदुओं पर काफ़ी कुछ लिखा दिखाई दि...

व्यंग्य: एक बार की बात है, जब मोदी जी गांव का दौरा करने पहुंचे और सामने आ गई बड़ी मजबूरी !

- अशफाक अहमद एक बार की बात है, एक सुदूर गांव के पंचायत चुनाव में प्रचार के लिये जाना हुआ। गांव ऐसी जगह था कि न वहां अभी तक देश भर म...

मनरेगा के जरिये ग्राम प्रधान ऐसे करते हैं भ्रष्टाचार और जॉब कार्डधारक मजदूरों का शोषण

- तेजभान तेज गांव में मनरेगा योजना के तहत जॉब कार्डधारक मजदूरों को तब पता चलता है, जब उनके खाते में पैसे आ जाते हैं। गांव का प्रध...