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कृष्णा रूमी का सस्पेंस थ्रिलर: पंजाब से यूपी पहुंची प्रेम कहानी का क्या हुआ अंजाम?


- कृष्णा रूमी

चेतराम नाम का व्यक्ति पंजाब में एक भट्टे पर काम करता था। चेतराम का परिवार उत्तर प्रदेश में पाली से था जो काम के लिए पंजाब आया हुआ था, फिर कुछ समय बाद उन्हें वहीं पंजाब में एक शाहबाद का परिवार मिल गया, उस परिवार की बेटी थी रामबेटी। रामबेटी के पिता ओमेंद्र भी चेतराम के साथ उसी भट्टे पर काम करते थे। धीरे धीरे दोनों परिवारों का एक दुसरे के घर आना जाना हुआ, चेतराम ने जैसे ही रामबेटी को देखा उसके दिल में प्रेम की चेतना का जागरण हो गया, इसी जागरण में दोनों ने नरेंद्र चंचल के कई पंजाबी भजन गा डाले थे, फिर कुछ समय बाद रामबेटी ने बताया की उन्हें नरेंद्र चंचल के प्रेमगीत भी बहुत पसंद है, ये सुनकर चेतराम फूला नहीं समाया और 55 किलो से 60 किलो का हो गया।

दोनों में अब नरेंद्र चंचल के भड़काए भक्तिभाव के अलावा प्रेम की चंचलता भी प्रवेश कर चुकी थी। चेतराम के ईंट बनाते वक्त भी हमेशा दिमाग में रामबेटी रहने लगी। अब रामबेटी भट्टे पर पिता के लिए रोटी भी लाने लगी थी, और चेतराम ओमेंद्र के घर कोई सामान पहुंचाना होता था तो गेट पर ही खड़ा मिलता था। चेतराम की माँ ने तो ये भी कहा की बेटा तुझे ईंट के भट्टे की जगह कूरियर सर्विस ज्वाइन करनी चाहिए। लेकिन चेतराम को ईंटें बनाने में ही आनंद आ रहा था। तभी एक दिन मोदीजी ने लॉक डाउन अन्नोउंस कर दिया। रामबेटी और चेतराम के घर के दरवाज़े अब एक दुसरे के लिए बंद हो चुके थे।

चेतराम ने नरेंद्र चंचल के दुखभरे गाने सुनने शुरू कर दिए, रामबेटी का भी फेवरेट गाना इस दौरान "कभी ग़म से दिल लगाया, कभी अश्क के सहारे" बन चुका था। फिर कुछ दिन इंतज़ार करने के बाद बेरोज़गारीवश रामबेटी का परिवार अपने गाँव चला गया। चेतराम को जैसे ही पता चला उसने भी अपने परिवार पर जोर डालना शुरू किया और बताया की ये कोरोना 2022 तक नहीं जाने वाला। उसने कुछ फेसबुक की पोस्ट्स भी दिखाई इस जानिब। चेतराम का पिता तैयार हो गया और पूरा परिवार वापस उत्तर प्रदेश के पाली पहुँच गया।
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यूपी पहुंचकर कुछ दिन तो चेतराम ने इंतज़ार किया लेकिन फिर एक दिन पुलिस से छुपता छुपाता चेतराम शाहबाद पहुँच गया। वहाँ जाकर वो ओमेंद्र के परिवार से मिला और बताया की पिताजी ने भेजा है आपका हालचाल पूछने के लिए। लेकिन चेतराम को नहीं पता था की उसके बेदर्द बाप ने रामबेटी के बाप के साथ अपना फ़ोन नंबर शेयर किया हुआ था,
चेतराम को धक्के देकर वहाँ से भगा दिया गया और रामबेटी का घर से निकलना बंद कर दिया गया। 
लेकिन जैसे नरेंद्र चंचल के रतजगों की सुबह होती है ऐसे ही एक दिन उनकी भी सुबह हुई और रामबेटी परिवार को चकमा देकर दवाई लाने के बहाने घर से भाग निकली।

रामबेटी अब सीधा पहुँच गयी चेतराम के घर और कर दिया एलान की अब तो प्रणय सूत्र में बंधकर ही मानेगी। चेतराम की माँ ने कहा "चल फुट" और रामबेटी को घर से बाहर कर दिया। रामबेटी पहुँच गयी पाली थाने और पुलिस ने दोनों परिवारों को लाइन हाज़िर कर लिया, दोनों परिवारों को समझाया गया की प्यार की गाडी और बेवड़े की ताड़ी कोई आजतक नहीं रोक पाया है। जिसपर की चेतराम की माता ने कहा की उसके भाई को शराब छोड़े हुए 10 साल से ऊपर हो चुके हैं।

पुलिस समझ गयी सारे पंगे को और दोनों की मंदिर में शादी करवा दी।
अब, क्या चेतराम की माँ जोड़े को घर में रखने को तैयार होगी? क्या चेतराम के मामा ने सही में शराब छोड़ दी है या अभी भी छुप छुप के पीता है? और सबसे बड़ी बात, क्या नरेंद्र चंचल ने शादीशुदा लोगों के लिए भी कोई गीत गा रखे हैं? जानने के लिए पढ़ते रहिये कृष्णा रूमी की सस्पेंस थ्रिलर सीरीज।

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