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आजतक की रिपोर्ट: सोचिये, अगर ये मासूम आपकी बच्चियां होतीं तो आप पर क्या गुजरती?


शीतल पी सिंह
मामला चित्रकूट का है। गोस्वामी तुलसीदास जी यहीं के थे। यह न्यूज़ स्टोरी भी यहीं की है, जिसे शानदार पत्रकार मौसमी सिंह ने जग ज़ाहिर किया है। उत्तर प्रदेश मध्यप्रदेश और समूचे उत्तर भारत में अवैध खनन सबसे बड़ा अवैध व्यवसाय है। सरकार चलाने वाले दल, उनके मुखिया लोग, नौकरशाही, पुलिस और अपराधियों के गठजोड़ के हाथ इसकी कमान है और साबित हो चुका है कि किसी रंग के झंडे में इसे ख़त्म करने की सामर्थ्य नहीं।

लेकिन यह स्टोरी उससे बहुत आगे का बहुत बेदर्द और घिनौना सच बयान कर रही है। कोल आदिवासियों के इस इलाक़े में प्रधानमंत्री की गौरवशाली घोषणा लापता है कि अस्सी करोड़ ज़रूरतमंदों को बीते तीन महीने से मुफ़्त राशन दिया जा रहा है ।

यहाँ कोल परिवारों की नाबालिग बच्चियों को कोरोना के चलते फैली भुखमरी का फ़ायदा उठाकर खनन माफिया के ठेकेदार डंपर के ड्राइवर और अन्य दिहाड़ी मज़दूरी का काम देने के नाम पर यौन शोषण कर रहे हैं ।बच्चियों ने ऑन कैमरा यह बताया है और प्रशासन ने ऑन कैमरा इसे नकार दिया है!

अब बाक़ी आपके ज़मीर पर है, यदि आप मोदी योगी भक्त हैं तो मुँह फेर लीजिये या बात बदल दीजिए या कह दीजिए कि अखिलेश और मायावती के जमाने में इससे ज़्यादा होता था या इंसान होने के नाते बेबस होने के नाते अपने मन के कोने में भीग कर सोचिये कि अगर ये बच्चियाँ आपकी बच्चियाँ होतीं तो आप पर क्या गुजरती?

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